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इतफ़ाकी मोहब्बत अपवादी इश्क़!


हाथ पकड़ लेंगे मंझधारे,
साहिल कब से सोच खड़े हैं,
बरसों से रस्ता तकते धारे हैं,
सोच किनारे किस बात अड़े हैं!

पहली नज़र का प्यार क्या है?
एक उम्र इंतज़ार क्या है?
हमेशा रहेगा एतबार क्या है?
सर पर भूत सवार क्या है?


इश्क एक एहसास है, एक लम्हा कोइ खास है
क्यों उम्र भर उम्मीद ओ' सात जन्म कि बात है?

मोहब्ब्त में हर घड़ी जन्नत है,
फ़िर क्यों सात जन्म की मन्नत है?

इश्क जिस्म है तो तमाम हैं,
रुह है तो एक है, इतेहाद है,
ज़ज़्बात है तो पल की बात,
सोच, एक ख़याली पुलाव है!

दो दिल मिल जाऐं तो इश्क है,
ख़्यालात एक हों तो इश्क़ है,
मुख़ालिफ़त दिलकशी की बात,
क्यों किसी को किसी से रश्क है?



इश्क़ घरफुँक तमाशा है,
जन्नत नसीबी का रास्ता है,
कोई एकदम अकेला इसमें,
किसी का दुनिया से वास्ता है!

जिस इश्क़ में सब जायज़ है,
वो सोच कितनी नाज़ायज़ है?

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