बादल बदलाव हैं, हर पल,
आज, यहीं, न कभी, न कल!
सूरज और कितने समंदर समेटे हुए,
यूँ की बड़ी फुरसत से आज बैठे हुए!
आसमान के रंग कई, सच एक है,
हम-आप रंग देख सच बदलते हैं?
सब कुछ साफ़ नज़र आता है,
आपका ध्यान कहाँ जाता है?
कुछ छुपा नहीं सब सामने है,
सच वो जो आपके मानने में है!
बादल, बरसात, बूंदों से मुलाकात,
समेट रहे हैं ज़िंदगी देती है सौगात!
आज, यहीं, न कभी, न कल!
सूरज और कितने समंदर समेटे हुए,
यूँ की बड़ी फुरसत से आज बैठे हुए!
आसमान के रंग कई, सच एक है,
हम-आप रंग देख सच बदलते हैं?
सब कुछ साफ़ नज़र आता है,
आपका ध्यान कहाँ जाता है?
कुछ छुपा नहीं सब सामने है,
सच वो जो आपके मानने में है!
बादल, बरसात, बूंदों से मुलाकात,
समेट रहे हैं ज़िंदगी देती है सौगात!
हवा का हर मोड़ पर रवैया बदलता है,
बुरी आदत जो सिर्फ एक रास्ते चलता है?
बुरी आदत जो सिर्फ एक रास्ते चलता है?
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