मोहब्बत क्यों ये मुश्किल काम है?
पहलू में उनके सुकूँ, आराम है!
फिक्र है मेरी ये उनका काम है,
ये समझ लेना सफर का नाम है!
आपस में दोनों खासे बदनाम हैं,
आ गया गुस्सा तो खासे आम है!
आ गया गुस्सा तो खासे आम है!
नज़र जब भी नज़रिया बन जाए,
समझ लीजे किसी का काम तमाम है!
मोहब्बत गहरी पहचान है,
सुबह मेरी ओ उनकी शाम है!
एक-दूजे को मुश्किल-ए-आसान हैं!
चैन भी हैं ओ कभी चैन-ओ-हराम हैं!
एक-दूजे को मुश्किल-ए-आसान हैं!
चैन भी हैं ओ कभी चैन-ओ-हराम हैं!
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