सब साथ के खेल हैं,
जाने-अंजाने
चाहे– अनचाहे,
गाहे–ब– गाहे
सवाल ये है, कि
आप कैसे खेल रहे हैं?
दुनिया की चाल चल,
फेल रहे हैं?
.
या,
अपनी मर्जी से मेल रहे हैं?
आप काफ़ी हैं या कम?
आइने क्या बोल रहे हैं?
तराजू किसका है और,
किस हाथों तौल रहे हैं?
सुना होगा,
दुनिया एक होड़ है,
चूहे वाली दौड़ है,
लगे रहो,
एक दो एक, एक दो एक...
सवाल ये है कि
चाल किसकी है ?
आप चुन रहे हैं मोड़,
या रस्ते आपको मोड़ रहे है?
आप खेल रहे हैं,
या खेल किसी और का,
आप झेल रहे हैं?
आप कैसे खेल खेल रहे हैं?
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