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यूँ कुछ पहचान बनती हैं !


मुग्धा जिसे रंग अकेले अच्छे नहीं लगते
घर दीवारों से नहीं, कहानियों से बनता है 
जरा देखिये आप को कौन सा रंग जमता है 

हर जज़बात कहाँ शब्दों में बयां होते हैं,
कुछ अरमान रंगों में जवां होते हैं,
हर सच्चाई नज़रों से नज़र नहीं आती,

वक्त के दीवारों पर निशाँ होते हैं
 

इमरोज़, जो ख्वाब देखती नहीं बनाती है 
अनजाने मोड़ों पर सफर करते हैं,
अपने ख्वाबों को घर करते हैं,
एहसास तारुफ बने रहें,

क्या हुआ जो दुनिया को गज़ब करते है





जावेद भाई जो रिलीफ वर्क के लिए हेयती मै हैं
कितनी जमीनो पर आपकी सुबह होती है
चलते क़दमों से दिल में जगह होती है
आपके सफर आपको मुबारक हों
एक जिंदगी कायनात को नज़र होती है !

नजर उठ कर कहाँ तक पहुंचेगी,
उम्मीद अब कौन से अरमानो को सीचेंगी,
अपने एहसासों से जुड़े रहिये,
पुकार आपको कशिश बन कर खींचेगी..



और सौम्या जो दोस्तों की गिनती करती है उम्र की नहीं ...
चलो जिन्दगी कि गणित बदल दें,
उम्र प्यार कि हो, (जितनी बढे उतना अच्छा),
दिन कि जगह दूरियों का सोचें, (जल्दी गुजर गया तो अच्छा)
महीने मुलाकातों से बदलें,
और साल लोगों से जुडने पर,


और सुगंधा,  मुग्धा जो जिन्दगी को गले लगा रहे हैं उसके गले नहीं पड़ रहे  
क्यों इंतज़ार करते हैं आप ही जिन्दगी हैं
इरादे आप के, आप कि बंदगी हैं,
कदम उठाइये और जमीं नज़र आएगी
सपने होंगे और नींद नहीं आएगी


अश्क बहते हैं ज़ज्बातों कि जमीं पर
उम्मीद कायम रहे जरा यकीं कर
मुस्करा और मौसम को हसीं कर
हल्का लगेगा, चल मुश्किलों को यतीम कर

कुछ नयी बात करें अपने होने में
क्या मजा, जो हैं, उसमे खोने में
आज जी भर सो लो रात होने में
सपने काम आयेंगे सुबह बोने में
  

तुम सफ़र हो अपना तो रास्ता क्या होगा
मोड़ मिलेंगे जो वास्ता क्या होगा
अपने सच को हमसफ़र रखना
फिर क्या सोचें अंजाम क्या होगा


और भिड़े साब, जो मेरी जिन्दगी  का एक मोड़ थे
कितने रस्ते आज कुछ वीरान हैं,
मुसाफिर तुम आज मेहमान हो,
कितने सफ़र उसने कर दिए काबिल,
आज समंदर हो गए तुम, ओ'साहिल

टिप्पणियाँ

  1. Kabhi tasveeron ki Kabhi azeezon ki kahaani
    Alfazon ke tale chhipi apni soch ki ravaani

    Likhte ho shunya se par mukammal jahan ho gaye
    Samay ki kitaab par tum dastkhat-e-pehchaan ho gaye

    जवाब देंहटाएं
  2. har rang mein chhupi ek kahani..
    kabhi nayi si , kabhi kuch purani..
    jaane anjaane se kuch jasbaat..
    jaano to ehsaas..na jano to aabhaas..
    har pal..ek jingadi..har lamha..ek shunya mein thehra sa..

    जवाब देंहटाएं
  3. ek jinda misaal bun jao , is duniya me ,
    choo kar har pal ko hakikat me badal do.
    rah na jaye koi armaan jo ho na saka,
    kya rakha he jindagi me agar auron sa jiyaa...

    dhruv

    जवाब देंहटाएं

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पूजा अर्चना प्रार्थना!

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हाथ पर हाथ!!

मर्द बने बैठे हैं हमदर्द बने बैठे हैं, सब्र बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अल्फाज़ बने बैठे हैं आवाज बने बैठे हैं, अंदाज बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! शिकन बने बैठे हैं, सुखन बने बैठे हैं, बेचैन बने बैठे हैं, बस बैठे हैं! अंगार बने बैठे हैं तूफान बने बैठे हैं, जिंदा हैं शमशान बने बैठे हैं! शोर बिना बैठे हैं, चीख बचा बैठे हैं, सोच बना बैठे हैं बस बैठे हैं! कल दफना बैठे हैं, आज गंवा बैठे हैं, कल मालूम है हमें, फिर भी बस बैठे हैं! मस्जिद ढहा बैठे हैं, मंदिर चढ़ा बैठे हैं, इंसानियत को अहंकार का कफ़न उड़ा बैठे हैं! तोड़ कानून बैठे हैं, जनमत के नाम बैठे हैं, मेरा मुल्क है ये गर, गद्दी पर मेरे शैतान बैठे हैं! चहचहाए बैठे हैं,  लहलहाए बैठे हैं, मूंह में खून लग गया जिसके, बड़े मुस्कराए बैठे हैं! कल गुनाह था उनका आज इनाम बन गया है, हत्या श्री, बलात्कार श्री, तमगा लगाए बैठे हैं!!