युँ
अपने दिल पर नज़र होगी,
किस
आहट से धड़कन असर होगी
पास
आयेंगे तो पूरी कसर होगी,
गुजरते लम्हों की रहगुजर होगी!
गुजरते लम्हों की रहगुजर होगी!
उम्मीद
को आसमाँ क्यों बनाएं,
यकीन को जमीं कीजे
यकीन को जमीं कीजे
कल
क्यों पेशानी पर लिखा है,
आज सफ़र को हसीं कीजे!
आज सफ़र को हसीं कीजे!
हसरतें
दर-बदर
भटकती हैं,
नज़रों को क्या दोष कीजे,
आदतें सामने सर पटकती हैं,
कैसे नये रस्ते जोश कीजे!
नज़रों को क्या दोष कीजे,
आदतें सामने सर पटकती हैं,
कैसे नये रस्ते जोश कीजे!
सहुलियतें
सारी परेशान हैं,
क्यों मुश्किलें युँ आसां होती है,
क्यों मुश्किलें युँ आसां होती है,
दुनियादारी
की तमाम सलाहियतें
बस युँ ही नादां होती है!
बस युँ ही नादां होती है!
सच्चाई,
हंसती
खेलती दिखती है,
इबादत, इरादों में नज़र आती है!
इबादत, इरादों में नज़र आती है!
ये
साथ मिल कर बनाया है,
दरो - दीवार अपनी हमसाया हैं
दरो - दीवार अपनी हमसाया हैं
काम
बहुत, कब तक आगोश में बैठें,
जतन से ये घोंसला बनाया है!
जतन से ये घोंसला बनाया है!
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