ये
हवा का रुख है बदला या खुशबू
तेरी ठहर गयी
जो
अभी-अभी थी जली हुई वो आग कैसे
बुझ गयी
तूने
पलकों का परदा गिरा दिया या
आँख मेरी खुल गयी
वक्त-वक्त की बात है, तू
हमेशा मेरे साथ है
तु
ख्वाब मेरे तोड़ दे तेरी याद
मेरे पास है
लम्हे-लम्हे का हिसाब क्या, एक
उम्र पूरी गुजर गयी
अकेली
ही थी तू, जो
तस्वीर पर नज़र गयी
कभी-कभी ये ख्याल भी, रगें
दिल की सिहर गयीं,
बस
जिक्र तेरे नाम का, कुछ
बात ऐसे असर गयी
जगी-जगी ये रात और सब करवटें ठहर
गयीं
खामोश मेरे हालात थे और बात सारे शहर गयी,
खामोश मेरे हालात थे और बात सारे शहर गयी,
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