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दास्ताँ-ए-IPL


वो सिकंदर ही दोस्तों कहलाता है,
बाज़ी हार के जीतना जिसे आता है,
निकलेंगे मैदान में जब भर के ज़ेब हम,
हाथ की सफ़ाई का दिखला देंगे दम



जो सब करते है मुरख वो क्यों हम तुम करें,
युंही मेहनत करते करते काहे को हम मरें
सबकी जेबें भरी हैं क्यों अपनी न भरें
यहाँ के जो सिकंदर,
खिलाड़ी नये पुराने इनकी ज़ेब के अंदर
आओ मिल के कमाये मेरे यार,


नही समझे है जो हमें तो क्या जाता है,
सट्टेबाजी तो बुकी को आता है
यहाँ के हम सिकंदर. . . बंदर . . . छुछुंदर,
जेल के अंदर!


संत्री-मंत्री थैले भरते हैं, हम क्यों पीछे रहें
हमाम के नंगों से . . . भला हम क्यों ड़रें
IPL के हम हैं बंदर,
बोर्ड़ पर बैठे असली धुरंधर, 
कौन लेगा पंगा उनसे मेरे यार,
नही समझे है तो तुम्हें हम समझाता है, 
गरम रोटी पे हाथ बड़िया सिंकाता है, 
बस किसी के हाथ लगेन मोबाईल नम्बर
यहाँ के हम सिकंदर. . . 
बंदर . . . छुछुंदर,
( "जो जीता वही सिकंदर के गाने" की तर्ज़ पर लिखा और IPL/ BCCI और Cricket में चल रहे बेढ्ंगे खेल को समझने की एक कोशिश)
स्टार प्लस के ड़ांस शो को promote करने के लिये करंट इशूस के उपर व्यंग करने के लिये शो के पार्टिसिपेंट चावट बोयस के लिये लिखा पैरोड़ी!
https://www.youtube.com/watch?v=8NlXm3VcvSA

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