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हाल समंदर

सुबह एक सच,
एक ख्याल,
एक सवाल,

एक पहल,
एक झलक,
कोई मलाल,

एक उफ़क,
एक शफक,
एक मिसाल,

एक चलन,
कोई मिलन,
ये है हाल!


दोपहर एक सच,
कुछ अलसाया,
कुछ झुलसाया,

वक़्त कुछ रुका सा,
कुछ चुका सा,
गुजरे हवा सा,

खामोश साथ,
साथ हाथ,
उँगलियों से बात,

गुज़री ख़ुशी,
उम्मीदी हंसी,
मन में बसी!


शाम एक सच,
एक उमंग,
कुछ पसंद,

एक प्यास,
एक अंदाज़,
अंदर एक आवाज़,

हंसी शिकायत,
मासूम शरारत,
झूठी बगावत,

सफ़र ज़ारी,
रास्ते सवारी,
कैसी तैयारी?


रात एक सच,
एक पड़ाव,
एक साहिल,

तज़ुर्बे उस्ताद,
राय ज़ज्बात,
अपनी बात,

इंतज़ार,
कुछ शुरू,
कुछ ख़त्म,

तय हालात,
चंचल सवालात,
सुकूँ है?





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