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भाषा की आशा

भाषा है तो परिभाषा है,
आशा है, निराशा है, (डिप्रेसन नहीं)
समय ने तराशा है,
उम्मीद है दिलासा है, (कंसोलेशन नहीं)
पैसों की सबको अभिलाषा है,
इसी लिए अंग्रेजी का चला सा है 😊
अपनी भाषा जमीन है, इंग्लिश आसमान है,
पर बिना जमीन के कैसा आसमान?
क्या होगी हमारी पहचान?
दूसरे की सिखाए हुए,
अपनी गवाएं हुए,
अनेकता के यतीम!?
तिल का ताड़,
राई की पहाड़,
गड़ेमुर्दे उखाड़,
कैसे कहेंगे?
कैसे सहेंगे?
सेसमे का पाइन,
मस्टर्ड का हिल,
डेड बॉडी डिगिंग,
ये बात नहीं बनींग!
बाकी हम सब समझदार हैं!
बोलियां बोलने वाले हमारे लिए गंवार हैं,
व्याकरण पंडित है, व्यवहार है!
गांव का लहज़ा अछूत है, नागवार है?
पड़ा-लिखा तो समझदार है,
इस दुनिया का तो बेड़ापार है!







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