मेरी भी कुछ खामी है,
मेरी मार मुझे पहचान न दो
अपने प्यार के बीच ,
दो झापड़ न आने दो
चलो जाने दो,
मैंनें मारा, मैंनें माना,
मेरा प्यार भी, तुमने जाना,
मैंनें माना मैं बदलूंगा,
मेरी कोशिश जारी है,
आज फिर हाथ फिसल गए,
अपने प्यार के बीच ,
दो झापड़ न आने दो
चलो जाने दो,
मारा तुमको, आवेश में,
वो गुस्सा था मेरे भेष में,
जानती तो हो अब मान जाओ,
चलो साथ अपने मकान आओ
अपने प्यार के बीच ,
दो झापड़ न आने दो
चलो जाने दो,
क्यों दूसरे से बात की, (2झापड़)
बदन की क्यों नुमाइश की? (स्लीवलैस?) (दो घूंसे)
क्यों मेरे सिवा कोई जरूरी है? (दे लात)
ये हाथ में क्या ग्लास है?
क्यों और कोई प्यास है?
क्यों कोई और आस है?
मेरा प्यार तुमसे मांगता है,
ये दो एक छोटी बात है!
क्यों इस पर कोई सवाल है?
क्या यही तुम्हारा प्यार है?
और शिकायत ये क्यों मार है?
अपने प्यार के बीच ,
दो झापड़ न आने दो
चलो जाने दो,
सुनो मेरी भी आह को,
जो टूटा हूँ, इस चाह को,
क्या तुम नहीं मुझे जोडोगी?
क्या इस हाल में छोडोगी?
मैं भी तो खुद को सहता हूँ,
मारपीट कर रहता हूँ,
चलो साथ में हम मिल ये झेलेंगे,
आखिर यही तो अहम सवाल है,
इस मुश्किल में हम रह लेंगे?
अपने प्यार के बीच ,
दो झापड़ ( गुंसा, लात, लाठी, बलात) न आने दो
चलो जाने दो!!
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