प्यार इतना
हद से ज्यादा
की हाथ उठ गया,
वो रोई, मैं रोया
मसला मिट गया!
हद से ज्यादा
उसको मुस्कराते देख
किसी और को
हाथ उठ गया
मैंने फिर खुद को भी मारा
मैं ही बेचारा!
प्यार इतना
हद से ज्यादा
वो मेरी है हमेशा रहेगी,
मेरी बात नहीं मानी तो
हाथ उठ गया
मेरा प्यार मैं लाचार
अब नहीं दोबारा!
हद से ज्यादा
दिन-रात, चार पहर
प्यार के लिए तुम थक गईं?
मुझको नहीं गंवारा, इसलिए
हाथ उठ गया,
मेरा व्यवहार मेरा प्यार,
हर बार लगातार!
प्यार इतना
हद से ज्यादा
तुम ही मेरी सब कुछ
मैं भी तुम्हारा दाता,
हमारी पसंद एक है,
तुमने सवाल पूछ डाला? फिर
हाथ उठ गया,
मेरी मर्ज़ी, मेरा प्यार,
और कुछ भी ख़बरदार!
हद से ज्यादा
मेरा सब कुछ तुम्हारा
खुशी, दुख, डर, गुस्सा
इसमें भी तुम्हारा हिस्सा
था गुस्सा उस से, किसी पर, सो
हाथ उठ गया
मेरा गुस्सा, मेरा प्यार
करो स्वीकार!
हद से ज्यादा
थप्पड, घुंसा,
बेल्ट, ड़ंडा, सुलगती आग,
उस पल जो आए हाथ
नहीं तो फिर दो लात,
प्यार मेरा, मेरी हिंसा
मेरा मलहम मेरी चिंता
प्यार में ये सब कौन है गिनता
रहो लाचार!
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