भारत माँ की
बेटियों को पेट में मारा जाता है, जय
भारत माँ की
जमीं पर जीवन उगाने वाले आत्महत्या कर रहे हैं, जय
भारत माँ की,
साँसे फूलती हैं तरक्की के धुँए से, जय
भारत माँ की,
औकात एक मज़हब, एक भाषा तक सिमटा दी, जय
भारत माँ की,
बेटियां बाज़ार में जिस्म बेचती है, और बेटे खरीद रहे हैं, जय
भारत माँ की,
ठेकेदारी, गुंडों के हाथ पड़ गयी है, जय
भारत माँ की,
इंसानियत एक जात है, यहां पैदा होना अपघात है, जय
भारत माँ की,
रसोई एक अखाडा है, गाय ने इंसान को पछाड़ा है, जय
भारत माँ की,
शिराएँ (नदीयाँ) श्री नाला बनी है, शंकर को रवि का श्राप लगा है, जय
भारत माँ की,
औलादें, सड़क किनारे और स्टेशन प्लेटफॉर्म पर बीड़ी मारती और डंडे खाती हैं, जय
क्या आप को अब भी लगता है?
भारत एक माँ है?
या ये कहना गुनाह है?
आपकी भी जय!!
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