
हमसफरी के ज़रा हालात हो जाएं!
हम तो मुसाफ़िर हैं ज़िन्दगी के,
बस उनके भी यही हालात हो जाएं!!
मोहब्बत है झोली में और आरजू करते हैं,
मेरी किसी ख़ासियत को वो मुरीद हो जाएं!

हसरत, की वो कंधो के करीब हो जाएं!
यूँ हम अकेले ही अपनी नाक में दम करते हैं,
जी करता है मेरी मुश्किलों की ख़रीद हो जाये!
इस रस्ते आइये तो हम भी एक मक़ाम हैं,
दुआ है, ये सफ़र आपको फ़रीद हो जाए!
(farid -unique)
इंतज़ार है पर हम कभी करते नहीं,
कौन जाने कब, यकीं इतफ़ाक हो जाए!
बेबाक़ी को मेरी बेसबरी मत समझिये,
क्या हरकत जो होना है सो हो जाये!
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