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लातों की बात!

पुरानी कहावत है
'लातों के भूत बातों से नहीं मानते'

पर बातों के भूत अब कहते हैं
लात मार के भगा दो!

बड़ा कनफ़्यूज़न है?
ये बात वाले हैं कि लात वाले हैं,

या यूँ कहिये कि एक हैं सब
बात वाले ही लात वाले हैं,

इनकी बात लात है, (जगज़ाहिर है, 2 साल से पाकिस्तान की तरफ लात है)
इनके ज़ज्बात लात हैं, (साध्वी, स्वामी, शाह को सुन लीजे)
इनके सवाल-जवाबात लात हैं (सोशल मीड़िया पर इनकी ट्रोल सेना का लिखा गवाह है)
इनकी परंपरा लात है, (सीता गवाह है)
इनकी नीयत लात है (द्रोपदी गवाह है)
इनकी सूरत लात है (गिरिराज, भागवत,तोगड़िया, कटियार)
इनकी सीरत लात है (कर्नल पुरोहित, माया कोंड़ाणी)

ज़ाहिर है इन्हें बात में भी लात आती है,



अहंकार कहें या अंधकार
जिस जनता को दाल-सब्जी लात मार रही है,
उसी को कह रहे हैं,
'अच्छे दिन न आयें तो लात मार देना'
किसको?
खुद को?
इतनी बड़ी बेफ़कूफ़ी की,
बात पर भरोसा किया,
अब क्या किस को दोष दें,
खुद का ही सर पीटेंगे,
या मर्द होंगे,
जिनको अपने दर्द को छूना नहीं जानते,
तो दारू पीकर
लात ही चलाएंगे,
अपने चारदीवारी के महफ़ूज़ माहौल में!

पर फ़िर भी चलिये  चांस पे डांस करें,
सच को लात मारें,
सपना देखते हैं ,
किस किस को मुसीबत के लिये लात मारें

ब्लैक मनी नहीं आई, किसको लात मारें?
रुपया सस्ता हो गया, किसको लात मारें?
दाल बदहाल कर गयी,
सब्जी सवाल कर गयी, किसको लात मारें
रोहित, ड़ेल्टा, जिशा की मौत, किसको लात मारें
पेट्रोल का एवरेस्ट अभियान, किसको लात मारें,
गाय माता, देश माता का धंधा करते हैं, लात मारें?
जब देखो देश की तरफ पीठ है, लात मारें?
विकास अडानी अम्बानी का लौंडा बन गया है, लात मारें?
किसी को जात बेचते हैं,
किसी को राम,
किसी को परम्परा, किसी को विज्ञान,
साबित क्या होता है?
ये झूठे हैं, इनके मुंह मुखौटे हैं,
साथ की बात करके लात देते हैं,
बनाइये आप भी, अपने लातों की,
लिस्ट लंबी है,
सब गिनाने लगे तो शायद,
इनका पिछ्वाड़ा ही गायब हो जाए!!
पर सरकारी फरमान है,
नहीं माने दो देशद्रोह होगा,
चलिए, जब तक मौका आये,
अपने लातों की ज़रा धार करवाएं,
अगली बार जब सामने आएं तो
इस मन्त्र का उच्चारण करें, कंठस्थ करें
"तुम मुझे बात दो, हम तुम्हें लात देंगे"



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