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अपनी बातें!

कह दिया सब कुछ और अब शिकायत,
हम बात करते हैं तुम्हारी बातें नहीं रहतीं!

साथ सोये थे कल रात और अब ये बात,
तुम्हारे साथ हमारी राते भी रातें नहीं रहती!


एक ही लड़ाई है दुनिया से, हम दोनो की,
साथ हों वो तो लड़ाई, लड़ाई नहीं रहती!


यूँ नहीं कि हमको कभी शिकायत नहीं कोई,
वो पुछ लें तो शिकायत, शिकायत नहीं रहती!


कुछ गलतियाँ हम अक्सर कई बार करते हैं,
हमें आदत है और उनको आदत नहीं रहती!



दुनिया कि नज़रों में दोनो ही काफ़िर हैं,
कैसे कहे हमारे बीच इबादत नहीं रहती!


खुदा नहीं कोई अपने, फ़िर भी फ़रिश्ते हैं
मुश्किलें यूँ ही हमारी, आसां नहीं रहतीं!


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