मुश्किलों को तुम मेरी आसान रहने दो,
अभी खुद को तुम मेरी जान रहने दो!
ज़िन्दगी सफर है बस यही काम रहने दो,
मंजिलों को अभी ज़रा अंजान रहने दो!
भूल जाएं सब शिकायतें ओ शिकवे
सफर में ज़रा कम सामन रहने दो!
तुम ही हो मेरी दुनिया में और क्या,
ये दुनिया बस मेरे नाम रहने दो!
आईना भी और परछाई भी हैं दोनों,
लाज़िम है यही, यही पहचान रहने दो!
साथ हैं बस उसी में सारी बात है,
ज़ाहिर हैं, वही मेरे अरमान रहने दो!
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