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एक बूँद समंदर!

समंदर एक नज़रिया है, 
बूँद एक ज़रिया, 
बूँद ही इरादा है, 
कोशिश है, 
बेचैनी, 
तलाश,
काश!


समंदर को फ़र्क पड़ा है!
क्या देखिए?
आखिर वो एक बूँद है!
और एक, और एक, 
'सिर्फ़ एक' नहीं,
"पूरी एक"
बूँद का सफ़र ही है, 
समंदर का असर, 
मकाम कुछ नहीं, बस!
रह गयी कुछ कसर, 
रोका किसने?
करते रहिए सफ़र!


बूँद ही समंदर है, 
बाहर नहीं आपके अंदर है, 
सोगवार क्यों?
बेकरार रहिए!
और थोड़ा, 
बेसब्र, 
ऐसे ही बूँद, दरिया, 
और दरिया समंदर होता है!

(आभा जेउरकर और अज़ात शत्रु पिछले ३ हफ़्तों से एथेंस, ग्रीस में रिफ़्यूज़ी युवाओं
के साथ काम कर रहे है, अब लौटने का वक्त आया है और आज सुबह सुबह आभा का ये संदेश मिला, बस लफ़्ज़ सफ़र पर निकल पड़े,
Abha - ".... at least I felt like I could do my best, knowing fully well that it is just a drop in the ocean. ")


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