आज सुबह की दौड़,
बेजोड़,
नयी शक्ल हर मोड़,
और दौड़ ज़िन्दगी,
कोई फुर्रर्रर
कोई खिरामां खिरामां,
सोचने का वक्त नहीं,
किसी को,
और कोई मगन है ख्यालों में,
कोई सेहत के लिए भागता है,
और कोई नेमत को,
और काफ़ी अपनी कीमत को,
और समंदर दूर से,
बारीख़ी से,
कुछ नहीं कह रहा,
अगर आप सुन पाएँ,
तो समझेंगे,
सच कुछ नहीं है,
बस आपकीं राय है!
बेजोड़,
नयी शक्ल हर मोड़,
और दौड़ ज़िन्दगी,
कोई फुर्रर्रर
कोई खिरामां खिरामां,
सोचने का वक्त नहीं,
किसी को,
और कोई मगन है ख्यालों में,
कोई सेहत के लिए भागता है,
और कोई नेमत को,
और काफ़ी अपनी कीमत को,
और समंदर दूर से,
बारीख़ी से,
कुछ नहीं कह रहा,
अगर आप सुन पाएँ,
तो समझेंगे,
सच कुछ नहीं है,
बस आपकीं राय है!
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