खूबसूरती क्या है...
क्या है?
दिल ओर दिमाग जब एक होकर
किसी मधुर सच्चाई से मिलते हैं
आराम से ....निश्चिन्त होकर
बिना किसी रूकावट के
उस पल की खूबसूरती का एहसास
क्या है?
खूबसूरती...!
इसके मायने जिंदगी को लाज़मी हैं
पर क्या हम इस खूबसूरत एहसास की तरफ जीवंत हैं?
या फिर,
अपने विचारों की सुरंग में ही अपने जीवन का अंत है!
नदी, तालाब, पहाड़ों से बहता हरियाली का सैलाब
इस खूबसूरती के बीच रहकर हम,
अगर धुप-छाँव नहीं खेल रहे,
तो क्या हम जी रहे हैं???(जिद्दू कृष्णमूर्ति की चहलकदमी और उस से जुड़े उनके चिंतन से अनुरचित)
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