विकास का इतिहास है
उसकी बुनियाद, अनगिनत
इंसानों की लाश है
दफनाए हुए, सच
कहने को "काश" है
नाम – सभ्यता
पता – आधुनिकता
उम्र – सदियाँ बीत गयीं
इतिहास गुलाम है
चंद हाथों में उसकी लगाम है
जो बुनियाद बन गए
उनकी प्राथमिकता(F.I.R.)दर्ज नहीं,
जो कमज़ोर थे, उनकी बात
आज़ न करें तो हर्ज नहीं
तलवार सर कलम करती है
समझदार को इशारा काफी
सच्चाई हमेशा हुकूमत को सर करती है,
आप को अपने इतिहास पर, परंपरा पर गर्व है
जाहिर है आपकी जिंदगी पर्व है,
आप को क्या इल्म है
लालच, वहशियत, पागलपन, जुल्म,
जब इतिहास के पन्नों पर चड़ते हैं तो
समृद्धि, वीरता, दूरदर्शिता, न्याय
कहलाते हैं,
आपका दिल बहलाते हैं
इतिहास गवाह है,
कितनी भी परंपरा की वाह-वाह है,
हम आज भी वही इंसान है
लालच, जुल्म, वहशत,
अब भी हमारी शान है, मुबारक हो !
भ्रष्ट समाज की सूचि में
अपना ऊँचा स्थान है!
amazing artwork :)
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