क्या बदलता है, समय के साथ,
या समय के हाथ,
हालात मुश्किलें,रास्ते,सोच,
संभावनाएँ ,उम्मीदें ,आकांक्षाएं
पहचान,
और एक दिन कोई परिचित अजनबी,
समय के दो ध्रुवॊ को
एक लम्हा कर देता है,
न पीछे मुडने की जरुरत
न आगे बढने की चिंता,
न कोई शुरुवात, न कोई अंत,
जो मिले उसका भला,
जो न मिले उसका भी भला,
कितना नायाब है, रिश्तॊ में
फकीरी का ये सिलसिला,
हालत की अजनबियत ,
वक्त को बेदाग़ बना देती है,
दिल साफ़ होते हैं ,
मैं, और मैं हो गया हूँ,
तुम, और तुम हो गए हो,
समय कितना भी बदले
कभी बदला नहीं लेता,
एक आज़ाद मुलाकात,
उस मकाम पर, जहां किसी को,
अपना रास्ता नहीं बदलना,
न चाल चलनी है,
या समय के हाथ,
हालात मुश्किलें,रास्ते,सोच,
संभावनाएँ ,उम्मीदें ,आकांक्षाएं
पहचान,
और एक दिन कोई परिचित अजनबी,
समय के दो ध्रुवॊ को
एक लम्हा कर देता है,
न पीछे मुडने की जरुरत
न आगे बढने की चिंता,
न कोई शुरुवात, न कोई अंत,
जो मिले उसका भला,
जो न मिले उसका भी भला,
कितना नायाब है, रिश्तॊ में
फकीरी का ये सिलसिला,
हालत की अजनबियत ,
वक्त को बेदाग़ बना देती है,
दिल साफ़ होते हैं ,
मैं, और मैं हो गया हूँ,
तुम, और तुम हो गए हो,
समय कितना भी बदले
कभी बदला नहीं लेता,
एक आज़ाद मुलाकात,
उस मकाम पर, जहां किसी को,
अपना रास्ता नहीं बदलना,
न चाल चलनी है,
अपेक्षा में TTMM(तेरा तू , मेरा मैं),
अच्छा सौदा है!
समय का गुलाम नहीं है, अपनापन
अच्छी मुलाक़ात रही, शुक्रिया!
नविन मन, नव्या स्रजन
(नवीन और नितिशा के साथ मुलाक़ात का विवरण)
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