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सचमुच! काफ़ी बड़ा है?

भारत एक बड़ा देश है....निहायत ही,
महज़ आकार में
फक्त प्रकार में,
सबसे छोटा क्या है?
हमारा दिल?
या
हमारी सोच?
बड़ी स्पर्धा है
दोनों के बीच,
परंपराएं कितनी, बताती हैं
एक सोच बड़ी नीच!



और सोच की क्या बात है,
सोच सती है,
अबला है,
कमाल की बला है,
पैदा हो न हो,
तय फैसला है!
सोच द्रोपदी का चीर है,
दोनों ओर मर्दानगी तस्वीर है!
सोच ही समझ है, सच है,
राम नाम सत्य,
सीता अस्त!

दिल की तो मत पूछो
इसमें आने को,
जाती ऊँच,
रंग पूछ,
लड़की करो कूच...
नेकी?
पर पहले पूछ?
जात, धर्म?
कर्म?
कहाँ है मर्म?
आंखें खोल,
किसी भी शहर,
दो-चार कदम चलिए,
और मिलिए,
हासिओं से (मार्जिन),
कचरों के ढेर से 
तरक्की की दुसरीं ओर,
बसाए हुए,
सुलभ शौचालय 
और दुर्लभ विद्यालय
पर कतार लगाए

आपके बर्तन,
झाडु-पोंछा से,
आभारी!
उम्र लंबी है,
कभी आऐगी बारी,
बस मेहनत करते रहो
परिश्रम का फल मीठा है,
प्लीज़ डोंट माइंड,
ज़रा झूठा है!!
आपकी शराफ़त 
न ही लुटा है!!

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