मैं क्या महसूस कर रहा हूँ
ये महसूस करने की कोशिश
सोच रहा हूँ
मगर कोई ख्याल नहीं
करता तो हूँ बहुत कुछ
पर तेरे सवाल नहीं
वक़्त वापस नहीं आता
कुछ शुरू, कुछ खत्म नहीं होता
उस दर्द का क्या करें
जिसका जख्म नहीं होता
न उम्मीद टूटी है
न एहसास छूटा है
न कोई दूरी है
फिर भी हर पल
लम्हों की प्यास है
मैं तो मुस्कराता रहता हूँ
फिर क्या है जो उदास है
खाली प्याले...अधूरे निवाले...बिस्तर की सिलवट...
ये महसूस करने की कोशिश
सोच रहा हूँ
मगर कोई ख्याल नहीं
करता तो हूँ बहुत कुछ
पर तेरे सवाल नहीं
वक़्त वापस नहीं आता
कुछ शुरू, कुछ खत्म नहीं होता
उस दर्द का क्या करें
जिसका जख्म नहीं होता
न उम्मीद टूटी है
न एहसास छूटा है
न कोई दूरी है
फिर भी हर पल
लम्हों की प्यास है
मैं तो मुस्कराता रहता हूँ
फिर क्या है जो उदास है
खाली प्याले...अधूरे निवाले...बिस्तर की सिलवट...
मैं और तुम
सच
कोई परिभाषा नहीं
कोई अतीत नहीं
न कोई कोशिश
कुछ होने की
करने की
मैं और तुम
सोच से परे
गहरे
समय से मुक्त
मैं कहीं खत्म
तुम कहाँ शुरू
इंतज़ार
अधूरेपन की सम्पूर्णता
मैं कहाँ शुरू तुम कहाँ खत्म
इस क्षण इस पल
सच
विचारमुक्त
मैं और तुम
सच
कोई परिभाषा नहीं
कोई अतीत नहीं
न कोई कोशिश
कुछ होने की
करने की
मैं और तुम
सोच से परे
गहरे
समय से मुक्त
मैं कहीं खत्म
तुम कहाँ शुरू
इंतज़ार
अधूरेपन की सम्पूर्णता
मैं कहाँ शुरू तुम कहाँ खत्म
इस क्षण इस पल
सच
विचारमुक्त
मैं और तुम
इन्तेजार,
जवाब देंहटाएंमहसूस कर सकें तो न अंत होने वाला एक लम्हा..
हर पल खत्म होता हुआ एक पल..
जान सकें तो एक सोच जो कबसे खलल मचाये है ..
महसूस कर सकें तो एक ख्वाब जो कब से कोई सजाये है...