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जान है तो पान है!



जान है तो जहान है
ये मूर्खता का ज्ञान है,
सरकार ने कहा है तो
अंधभक्तों का कान है
मिडिल क्लास की रट
मेरा भारत महान है!
ओ रईसों की वाइन है
चमक है शाइन है!



भूख में क्या शान है?
भीख है या दान है?
किसका इसमें मान है?
न जमीं अपनी,
अजनबी आसमान है,
सारे मजबूर एक छत में
कहते हैं आप, ध्यान है?
मुट्ठी भर चावल, दाल कहाँ?
न सब्जी का नामोनिशान है?



चल पडे हैं मीलों, कोसों,

बेदिल आप उनको कोसें?
जानिए, मनोविज्ञान है,
जो उनका जहान है
वो ही उनकी जान है!
गांव, घर, परिवार, 
गली चौबार, अपना 

समाज व्यवहार
सब मिल कर जान है?
कोई टापू नहीं अकेला
एक पूरा इंसान है!


भरोसा किस पर करेंगे?

काम बचा नहीं,
सरकार सोचा नहीं,
बंद हैं बस, ट्रेन,
कहते है लॉकडाउन है?
लाखों सड़क पर,
फ्लायओवर सर पर,
थोड़ा मिला बहुत समझना
कहाँ कोई सम्मान है?
हथेली पर जान है,
दोगला जहान है,
कारों में, बंगलों में
ए सी ऑन है!!


किसकी जान है?
ये कैसा जहान है?
क्या आपको तनिक भी
इसका भान है?
बंजर है जमीन किसकी?
किसकी उम्मीद शमशान है? 

भीड़ में अकेले ओ
सारे रास्ते वीरान हैं!
बरसों के सच क्या हैं,
उनके, और आप घर बैठे
देशभक्त महान हैं?
थाली, ताली, दियामाली,
आपकी मजबूरी भी दिवाली है?
मराठी में बोलें तो "लई छान"!







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