(पैदल मजदूर)
किसी का दर्द हमको कभी परेशां ने करे,
या खुदा हालात मुझे ऐसा इंसान न करे!
लाखों को सडक़ पर लाकर छोड़ दिया,
एक के साथ भी ऐसा बुरा अंजाम न करे!
सामने आने तक ज़ख़्म ज़ाहिर न हों,
सोच मेरी तू आँखों का माजरा न करे!
शहर में था तो मेरे बहुत काम आया,
(वो)तहज़ीब कहाँ जो उसको पराया न करे!
(मेरी प्रिवलेज)
मेरे आराम का उसके पसीने से वास्ता कोई?
मदद हो मेरी पर मुझको मेहरबाँ न करे!
आबाद होने को वापस यहीं बुलाएंगे, अभी
ये इल्ज़ाम की शहर को कब्रिस्तान न करे!
(कोरोना! बाप रे! तबलीकी, जमात, जिहाद जिहाद)
मुश्किल में थे तो हमारे मुसलमां जा बने,
नफ़रत को कोई सोच यूँ आसां न करे!
अपने ही दर्द को कुर्बान हो गए रास्ते में
इस ख़बर को कोई अब पाकिस्तान न करे!
(पीएम केयर, कब और कहाँ?)
मदद करने को ख़ज़ाने खड़े हो गए,
इन दिनों वो क्यों इस तरफ रास्ता न करे?
खुदा बनने को मेरे तैयार हैं कितने देखो,
शिकायत पुरानी क्यों मुझे मसीहा न करे?
किसी का दर्द हमको कभी परेशां ने करे,
या खुदा हालात मुझे ऐसा इंसान न करे!
लाखों को सडक़ पर लाकर छोड़ दिया,
एक के साथ भी ऐसा बुरा अंजाम न करे!
सामने आने तक ज़ख़्म ज़ाहिर न हों,
सोच मेरी तू आँखों का माजरा न करे!
शहर में था तो मेरे बहुत काम आया,
(वो)तहज़ीब कहाँ जो उसको पराया न करे!
(मेरी प्रिवलेज)
मेरे आराम का उसके पसीने से वास्ता कोई?
मदद हो मेरी पर मुझको मेहरबाँ न करे!
आबाद होने को वापस यहीं बुलाएंगे, अभी
ये इल्ज़ाम की शहर को कब्रिस्तान न करे!
(कोरोना! बाप रे! तबलीकी, जमात, जिहाद जिहाद)
मुश्किल में थे तो हमारे मुसलमां जा बने,
नफ़रत को कोई सोच यूँ आसां न करे!
अपने ही दर्द को कुर्बान हो गए रास्ते में
इस ख़बर को कोई अब पाकिस्तान न करे!
(पीएम केयर, कब और कहाँ?)
मदद करने को ख़ज़ाने खड़े हो गए,
इन दिनों वो क्यों इस तरफ रास्ता न करे?
खुदा बनने को मेरे तैयार हैं कितने देखो,
शिकायत पुरानी क्यों मुझे मसीहा न करे?
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