कैसे वो हालात करें,
सुन सकें एक दूसरे को अब ऐसी कोई बात करें!
वो दौड़ ही क्यों जिसमें सब पराये हैं,
तेज़ रफ़्तार दुनिया और बहुत दूर एक दूसरे से आये हैं,
चाल बदलें अपनी और नयी रफ़्तार करें!
....सुन सकें एक दूसरे को अब ऐसी कोई बात करें!
बच्चों के हाथ क्यों हाथ से फ़िसलते हैं,
जदीद* तकनीक है के मशीनों से संभलते हैं (*आधुनिक)
बचपन से बात हो ऐसे कोई व्यवहार करें!
....सुन सकें एक दूसरे को अब ऐसी कोई बात करें!
अगर सोच है अलग तो आप पराए हैं,
रिश्तों को सब नए मायने आए हैं,
ख़बर दुनिया की ज़हर जिगर के पार करे!
.....सुन सकें एक दूसरे को अब ऐसी कोई बात करें!
चल रहे हैं मीलों और अब भी बहुत दूर हैं,
आप कहते हैं घर बैठे सो मजबूर हैं,
कैसे दर्द मजलूमों के हमको चारागर* करें! (*Healer)
....सुन सकें एक दूसरे को अब ऐसी कोई बात करें!
क़यामत है दौर और कोई नाखुदा* नहीं, (नाविक)
मजबूत कदम हों खोखली दुआ नहीं
वो आवाज़ जो सुकून दे, जिसका ऐतबार करें!
....सुन सकें एक दूसरे को अब ऐसी कोई बात करें!
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