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ओ माँ!


"जो बोल नहीं सकते क्या उनको सुन सकते हैं?
उनके दर्द को अपने दिल में क्या हम गुन सकते हैं?"

ओ माँ
और कितने कदम चलना है,
छोटा बहुत हूँ
और कितने दिन पलना है?
ओ माँ


ओ माँ
तेरी आँखों में जो चमक है,
तेरे प्यार में जो नमक है,
क्यों फीके पड़ते हैं
ओ माँ

ओ माँ
मैं दौड़ तो जाऊं, पर
इतने लंबे रास्ते क्यों हैं,
मेरे पैर नाचते क्यों हैं
कांपते क्यों है
ओ माँ


ओ मां
तेरा कंधा चुभता है,
और सूरज भी,
मेरे सर भी गठरी दे दे
मैं भी बड़ा हो जाऊं

ओ मां
भूख बोलूं, प्यास बोलूं,
क्या तू है उदास बोलूं
तू बोले तो मैं बोलूं
चुप हूँ अभी
ओ मां



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