करें तो क्या करें?
शर्म से मुँह छुपाएं
या सिर्फ मास्क करें?
भूख प्यास करें,
उम्मीद आस करे ,
ठंडी आह भरें या
लंबी सांस करें?
सरकार निकम्मी है,
कब एहसास करें?
शिकवा शिकायत करें,
या बस इबादत करें,
हाथ जोड़ें या
हाथ पर हाथ धरें?
चीखें, चिल्लाएं,
भिखारी बनें या जनावर,
सिर्फ़ लानत धरें?
या गुस्से को धार करें?
बच गए किसी तरह,
किसी तरह गांव पहुंचे,
टूटे हौंसले जोड़ें या
छूटा जो सामान करें?
कुछ समझ नहीं आया,
कोई ख़बर नहीं,
कोई मदद नहीं,
फिर भी हाथ जोड़ें
या सवाल सरकार करें
मर गए बीच रस्ते,
बेआबरू होकर,
उनके पीछे छुटे
बच्चे, माँ, बाप
करें तो क्या करें?
आपका दिलासा,
सहानुभूति, चिंता
आग में घी का काम करे!
आपने अपने आइनों
से कब क्या सवाल करे?
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