साथ आते हैं , हम , हमारे रास्ते भी मिलते हैं , साथ चलना है , उम्मीदों को भी , आकांक्षाएं भी हैं , और संगी - साथी होने की आशायें भी , नयी पहचान होगी इस साथ से , रास्ते तय होंगे आपस की बात से , फ़िर भी मैं , मैं और तुम तुम होगे , कहीं कहीं दीवारें होंगी रस्ते बनायेंगे , साथ चलेंगे , एक - दूसरे के रस्ते नहीं आयेंगे , मैं अपनी खामिंयों से पुरा हूँ , तुम अपनी कमियों से परिपक्व , अपने साथ आने के ये उसूल है , शुक्रिया नेक इरादों की दुआ रिश्ता कुबूल है !
अकेले हर एक अधूरा।पूरा होने के लिए जुड़ना पड़ता है, और जुड़ने के लिए अपने अँधेरे और रोशनी बांटनी पड़ती है।कोई बात अनकही न रह जाये!और जब आप हर पल बदल रहे हैं तो कितनी बातें अनकही रह जायेंगी और आप अधूरे।बस ये मेरी छोटी सी आलसी कोशिश है अपना अधूरापन बांटने की, थोड़ा मैं पूरा होता हूँ थोड़ा आप भी हो जाइये।