काहे
पुराना नाम- सामान
लिये जाते हैं।।
रास्ते
जिंदगी के कभी खत्म नहीं
होते,
जो प्यार करते हैं उऩ्हें जख्म नहीं होते!!
जो प्यार करते हैं उऩ्हें जख्म नहीं होते!!
सब
अपने रस्ते हैं मर्ज़ी के मोड़
गये,
आप खामख़ां सोचते हैं छोड़ गये!
आप खामख़ां सोचते हैं छोड़ गये!
टुटे
हुए वादों को क्यों संभाल रखते
हैं,
भूल
गये शायद के नेक इरादे रखते
हैं!
जब
तक रास्ता एक है हमसफ़र है,
पर
अकेले है तो क्या कम सफ़र है?
मोहब्बत
एक तरफ़ा रही तो क्यों परेशान
है,
चार दिन की लाईफ़ है, और सब मेहमान हैं!
चार दिन की लाईफ़ है, और सब मेहमान हैं!
दुकान
खोल लीज़े जो नज़र में फ़ायदे
हैं!
वक्त
बदला, ईरादे
बदले, अब
आगे बड़े हैं,
एक
जगह आप अड़े हैं तो चिकने घड़े
हैं,
ये
फ़रीब-ए-नज़र
है या अना का असर है,
आप ही वजह हैं और आप ही कसर हैं!
आप ही वजह हैं और आप ही कसर हैं!
(टुटे दिलों और फ़रेबी मुश्किलों की देवदासिय आदतों की दास्तानों से उपजी)
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