8-10साल की उमर,
और मज़बूत कमर, एक और को
संभालने को,
खेलने की उमर है,
बचपन नाम है,
हरकतें है वैसी ही,
और बड़ी जान है,
तैयार फ़िर भी,
हमेशा,
अपनी नज़र और
अपनी कमर से,
अपनी कमर से,
कब रो दे, माँ रोटी करती है,
गिर गया, माँ मज़दूरी पे है,
आप ही बताईये,
क्या कहें?
क्या कहें?
बचपन है?
दूर खड़े होना,
बचकाना होगा,
बदनाम,
बदनाम,
बचपना होगा,
इसलिये कमर कसते हैं,
हंसते हैं,
यही हमारा सच है,
जो है बस यही
सचपन है!!
(सरकारी आँकड़े कहते हैं, बच्चे स्कूल जाते हैं, और सच, छह मुसहर बस्तियों में से लगभग सभी बच्चे स्कूल नहीं जाते!)
(सरकारी आँकड़े कहते हैं, बच्चे स्कूल जाते हैं, और सच, छह मुसहर बस्तियों में से लगभग सभी बच्चे स्कूल नहीं जाते!)
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