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सच आसपास!


हालात,
बिगड़े हुए, और 
बिगड़ेंगे,
टूटे हैं जो, और
बिखरेंगे,
कमज़ोर चूस कर
ताकत बढ़ाते हैं,
आपने किस को वोट दिया?
था?



संस्कृति पुरानी है,
गौरवशाली,
कड़वे सच रौंद कर,
मन की बात,
इतिहास,
बन रही है,
अंधभक्तों की 
नई जमात,
गर्व से कहो...
"जिसकी लाठी उनकी भैंस"



बुरा लगता है
देश अपना
समाज अपना
धर्म,
जात
वर्ग,
अपना, अपने द्वारा,
अपने लिए,
बाकी सब ?
पतली गली से निकलिए,
गांव, झोपड़-पट्टी,
कचरे पर, कचरा जोड़,
बेच,
पैबंद लगी दीवारों की बस्ती!
मेरा भारत महान,
मेरा सामान, मेरी दुकान



मालिक,
सरपरस्त, सेठ,
नेता, प्रधान,
सर्वेसर्वा
कितने नाम,
ऊंची दुकान 
फीके पकवान,
मुसीबत में सब
उड़नछू हराम! 
हेराम! आपका वोट
आपका अंजाम!




सच जानेंगे या
मनकही मानेंगे?
अनकही बातें, 
अदृश्य,
अनगिने लोगों की,
अनचाहे लम्हों की,
अनगिनत मुश्किलें,
उबलते सवाल,
क्या आपको नहीं हैं?
जो होता है
क्या वो सही है?
आपके सवाल कहाँ हैं?

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